दोस्तो हिन्दू धर्ममे सब देवताओ ने अपने शरीर मे कुछ ना कुछ धारण किया है। हमारे शिवजी ने गले मे जेरीले नाग को धारण किया है जिसे वासुकि कहा जाता है, जिसने अपने शिरपे नागमनी धारण की है।
आपको तो पता ही होगा की दक्ष प्रजापति की दो बेटी -वनिता ओर क्दृ। उन दोनों के लग्न दक्ष ने ऋषि कश्यप के साथ किए थे। क्दृ के 1000 पुत्र ओर वनिता के 2 पुत्र थे जो उनको उनके वरदान के अनुसार मिले थे ओर ये वरदान कश्यप उनके पति ने दिये थे।
1000 पुत्रो मे से सबसे बड़े पुत्र शेषनाग थे। जिनको ब्रहमाजी का वरदान मिला था की उनके शिर पर ये धरती रहेगी जिसके वजे से उनको पाताललोक मे जाना हुआ ओर नागलोक का राजा उनके छोटे भाई वासुकि को बनाया।
फिर दोस्तो वासुकि ने शिवजी की सेवा करने के लिए नागलोग छोड़ा ओर नागलोग का राजा उनके छोटे भाई तक्षक को राजा बनाया।
दोस्तो ये तो हो गई की शिवजी के गले मे लिपटे हुए नाग कोन है, ओर अब ये बात करते है की शिवजी ने वासुकि को धारण क्यू किया इसमे भी कई कथा का उल्लेख मिलता है।
मे आज उन्मे से 3 कथा का उल्लेख करुगा। लेकिन आज की कहानी मे 1 कथा का उल्लेख करुगा ओर बाकी की 2 कथा दूसरी कहानी मे कहुगा। ओर जब मे वे कथा का उल्लेख करुगा तो मे इस कहानी के नीचे आपको उसकी link दे दूंगा।
तो पहली कथा का उल्लेख करू तो, कहा जाता है की सर्पो ने ही सबसे पहने शिवजी की शिवलिंग के रूप मे पुजा की थी।
उस वक्त वासुकिनाग ही नागोके राजा हुआ करते थे ओर वासुकि भी शिवजी की सेवा ओर भक्ति करते।
एक दिन शिवजी वासुकिनाग की भक्ति से खुश हो के वासुकि को वरदान मांगने कहा, तब वासुकि ने वरदान के रूप मे शिवजी के पास रहकर उनकी सेवा करने की इच्छा जताई। जिससे वासुकिनाग से खुश हो के शिवजी ने वासुकिनाग को अपने गले मे धारण किया।
तो दोस्तो ये पहली कथा है ओर बाकी की दो कथा आपको इस link पर click कर के मिल जाएगी, जिसमे संन्द्रमंथन का भी उल्लेख है, link: https://suniunsunikahani.in/story-of-vasukinag-and-shiva/
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Disclaimer: आपको बता दु की यह कहानी मेने सुनी है जो आपको मे सुना रहा हु।
2 thoughts on “शिवजी के गले लिपटे नाग की suni unsuni kahani”