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एक कंजूस शेठ की कहानी (एक धड़ी हसने के लिए)

दोस्तो आज कोई समज की ओर ज्ञान की बात नही करनी है – आज मे आपको थोड़ा हसौगा। तो चलो दोस्तो शुरू करे,

एक कंजूस शेठ था उसके घर महेमन आए!! शेठ ने उसके लड़के को कहा की ,” जा ओर एक kg अच्छी से अच्छी मिठाई ले कर आ।”

लड़का बाहर गया ओर बोहोत समय के बाद आया – शेठ ने पूछा की, “मिठाई कहा है?”

लड़का : अरे पिताजी, मे मिठाईकी दुकान पर गया ओर मिठाई वाले से मेने कहा की मुजे अच्छी से अच्छी मिठाई दो। मिठाई वाले ने कहा की, ” अरे माखन जेसी मिठाई डुगा। ” – पिताजी मेने सोचा की माखन जेसी मिठाई हो तो माखन ही क्यू ना लू।

मे माखन लेने के लिए दुकान पर गया ओर अच्छे से अच्छे माखन देने के लिए कहा। ‘ दुकानदार ने कहा की वो मुजे मध जेसा माखन देगा।’

तो मे सोचा की तो फिर मे मध ही क्यू ना लू। मे मध बेचने वाले के पास गया ओर उसको कहा की मुजे अच्छे से अच्छा मध चाहिए। दुकनवाले ने मुजे कहा, ‘ मे पानी जेसा साफ मध डुगा।’ – तो पिताजी, बादमे मे सोचा की पानी तो घर मे ही है तो फिर मे खाली हाथ वापस आया।

शेठ सुन कर बोहोत खुश हो गए ओर अपने लड़के को छातीसे लगाया। लेकिन फिर शेठको विचार आया तो पूछा अपने लड़के को, ” लेकिन बेटा, तू इतने लंबे समय तक गुमा तो चपल तो धीस गई होगी ना?”

लड़का : ” ना पिताजी, महेमान के चपल पहेनके गया था।”

कंजूस शेठ को खुशी के आसु आ गए।

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Bhavin Panchal

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