एक बुजुर्ग ओरत की मुत्यु हुई, उसे यमराज लेने आए, फिर उस ओरत के कहने पर यमराज ने स्वर्ग ओर नर्ग दोनों दिखाया। फिर आगे क्या बात हुई देखो…
दोस्तो आज की कहानी मेने कोई social media पर सुनी थी, मुजे कहानी अच्छी लगी तो मुजे लगा की आपको भी मे सुनाऊ आपको भी पसंद आएगी। तो आज की कहानी बिजुर्ग ओरत ओर यमराज की है, ये कहानी सच्ची तो नही है लेकिन इसमे से सच्ची शिख मिलती है।
कहानी शुरू करे,
जेसे की मेने आपको पहले ही कहा की एक बुजुर्ग ओरत की मुत्यु हुई ओर यमराज उसे लेने आए – ओरत ने यमराज से पूछा आप मुजे स्वर्ग ले जाएंगे की नर्ग? यमराज बोले दोने मे से कही नही तुमने इस जनम मे बोहोत अच्छे कर्म किए है, इसलिए मे तुम्हें सीधे प्रभु के धाम ले जा रहा हु।
बुजुर्ग ओरत खुश हो गई दोस्तो उसने कहा: ध्न्यवाद, पर मेरी आपसे एक विनती है, मेने यहा धरती पर सबसे ज्यादा स्वर्ग ओर नर्ग के बारे मे सुना है, मे एक बार ये दोनों जगा को देखना चाहती हु। यमराज बोले तुम्हारे कर्म अच्छे है इसलिए मे तुम्हारी यह मनोकामना भी पूरी कर देता हु। चलो हम स्वर्ग ओर नर्ग के रास्ते से प्रभु के धाम जाएंगे।
बुजुर्ग ओरत ओर यमराज दोनों चल पड़े- पहले नर्ग आया। नर्ग मे बुजुर्ग ओरत ने जोर जोर से लोगो के रोने की आवाज सुनी , वहा नर्ग मे सभी लोग दुबरे-पतले, बीमार दिखाई दे रहे थे। उस ओरत ने नर्ग के एक आदमी से पूछा, आप लोगकी ऐसी हालत क्यू है- आदमी बोला तो ओर केसी हालत होगी, मरने के बाद जबसे यहा आए है हमने एक दिन भी खाना नही खाया, भूख से हमारी आत्मा तड़प रही है।
बुजुर्ग ओरत की नजर एक विशाल पतीले पर पड़ी, जो लोगो के कद से लगबग 300-400 फूट ऊंचा होगा, उस पतीले के उपर एक विशाल चमच लटका हुआ था, उस पतीले मे से बोहोत ही शानदार खुशबु आ रही थी।
बुजुर्ग ओरत ने पूछा इस पतीले मे क्या है- आदमी मायूस हो के बोला, ये पतीला बोहोत ही स्वादिस खीर से हर समय भरा होता है।
बुजुर्ग ओरत ने बड़े ही हेरानी से पूछा इसमे खीर है तो आप पेट भरके खीर क्यू नही खाते, भूख से क्यू तड़प रहे हो। आदमी रो रो से बोलने लगा केसे खाए ये पतीला 300-400 फूट ऊंचा जो है, हममे से कोई भी उस पटीलें तक नही पहुच सकता। ओरत को इनपे तरस आने लगी बिचारे- खीर का पतीला होते हुए भी भूख से बेहार है। शायद भगवान ने इनको यही दंड दिया होगा। यमराज बुजुर्ग ओरत से बोले चलो हमे देर हो रही है। दोनों चल पड़े,
थोड़ा दूर जाते ही स्वर्ग आया, बुजुर्ग ओरत को लोगो की हसने की आवाज सुनाई दी – सब लोग बोहोत खुश थे, उनको देख कर बुजुर्ग ओरत भी खुश हो गई, पर ओरत की नजर 300-400 फूट पतीले पर पड़ी जेसा नर्ग मे था, उसके उपर भी वेसा ही चमच लटका हुआ था।
ओरत ने उन लोगो से पूछा, पतीले मे क्या है लोग बोले पतीले मे स्वादिस खीर है। ओरत बोली पर ये पतीला तो बोहोत ऊंचा है, आप लोग तो इस तक तो पोहोच ही नही पाते होंगे, उस हिसाब से आप लोग को तो खाना मिलता ही नही होगा, आप लोग भूख से बेहार होंगे। पर मुजे आप लोग तो बोहोत खुश लग रहे हो। ऐसे केसे,
लोगो ने कहा हम तो सभी लोग इस पतीले मेसे पेट भर के खीर खाते है। ओरत बोली पर केसे पतीला तो ऊंचा है! लोग बोले तो क्या हुआ पतीला ऊंचा है पर यहा पर कितने पेड़ है, भगवान ने ये पेड़, नदी, जलने सब मनुष्यो के उपयोग के लिए ही तो बनाए है।
हमने पेड़ो से लकड़ी निकाली ओर उससे एक विशाल सीडी का निर्माण किया, उस लकड़ी के सहाय से ही हम पतीले तक पहोचते है ओर सब मिलके खिर का आनंद लेते है। बुजुर्ग ओरत यमराज के तरफ देखने लगी यमराज मुस्कुराए ओर बोले,
भगवान ने स्वर्ग ओर नर्ग मनुष्यो के हाथ मे ही सोप रखा है, चाहे तो अपने लिए नर्ग बनालों की स्वर्ग बनालों। भगवान ने सब को एक सम्मान हालत मे डाला है, उसके लिए सभी बच्चे एक समान है, वो किसी से भी भेद-भाव नही करता।
वहा नर्ग मे भी पेड़, पौधे सब थे लेकिन वो लोग आलसी है, उनको खीर हाथ मे चाहिए। वो कोई कर्म नही करना चाहते – कोई महेनत नही करना चाहता, इसलिए भूख से बेहार है।
क्यूकी यही तो ईश्वर ने बनाई इस दुनिया का नियम है, जो कर्म करेगा, महेनत करेगा- उसी को मीठा फल खाने को मिलेगा।
तो दोस्तो कभी भी कोई कर्म ओर महेनत करने से पीछे ना हटे, आप अपना कर्म करे महेनत करे – ईश्वर आपके साथ है।
“जय દ્વારકાધીશ ”
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