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श्याम बाबाकी 50,000 रुपये की एक छोटी कहानी, एक बार जरूर पड़ना

श्याम बाबा बोलो, खाटू श्याम बोलो की श्यामजी बोलो सब एक ही है, बस फर्क इतना है की आवाज आपके दिलसे निकलना चाहिए। आज इस छोटी सी कहानी से मे आपको ये बताऊगा की भगवान हो, या अल्ला हो, या आप जिसेभी मानते हो उनपे हमे केसा भरोसा रखना चाहिए।

चलो शुरू करे,

एक छोटा सा परिवार था उसमे 3 लोग रहेते थे। एक आदमी, उसकी पत्नी ओर उसकी एक बेटी। ओर वो आदमी श्याम बाबाकी बोहोत सेवा करता, बाबा की दया से उसके धरमे सबकुछ ठीक चल रहा था। उसकी पत्नी ओर उसकी बेटी सब घरमे खुशीसे रहेते ओर उसकी एक छोटी कपड़े (शादीयो) की दुकानथी, उससे दिनभरमे 1500 से 2000 का धंधा हो जाता था, जिससे उसके घरमे कोई तकलीफ नही थी। वेसेभी अब आपही बताओ की जहा भगवान साथ हो वहा किस बात की चिंता।

`आपको पता ही होगा की भगवान सबकी परीक्षा लेता ही है, कब लेगा – केसे लेगा वो तो उसके हाथमे है लेकिन उनकी परीक्षा हम केसे पार करते है वो हमारे हाथमे होता है (हा, एक बात याद रखना वो हमारा साथ कभी नही छोड़ेंगे लेकिन हमे हमारी हींमत नही खोनी है)।

अब मे वापिस बाबा की कहानी पे आता हु तो, बेतिया कब बड़ी हो जाती है मालूम ही नही चलता। उस आदमी के बेटी की शादी करने की उम्र हो गई। तो वो आदमी अपनी बेटी के शादी के लिए रिशते दुंदने के लिए गया, ओर उसको एक रिशता मिला। लेकिन लड़के वालो ने उसको 7 दिनमे 50,000रुपये दहेज मे देने के लिए कहा ओर अगर पैसे नही दे पाए तो रिशता तोड़ने के लिए कहा।

`ये एक छोटी शादियो की दुकान वाला जिसका दिनका सिफ़ 1500 – 2000 का धंधा होता हो वो केसे 7 ही दिनमे 50,000रुपये लेके आ शके? लेकिन याद रखना, जिसको भगवान पे भरोसा होना उसके लिए कुछ भी असंभव नही है। `आदमीने मनमे बाबा का नाम लिया ओर बोला की 7 दिन मे क्या मेतो 5 ही दिनमे 50,000रुपये तुम्हारे घर लेके आजाऊगा

अब देखो, उस आदमीने घर आके अपनी पत्नीसे क्या कहा।- शाम हुई वो आदमी अपने घर आया ओर अपनी पत्नीसे कहा मे अपनी बेटी का रिशता कर आया, उन्होने मुजसे 7 दिनमे 50,000 मांगे ओर मे 5 दिन मे देनेकी बात कर आया। पत्नीने पूछा की एसा क्यू किया, आदमी बोला मुजे मेरे बाबा पर भरोसा है। पत्नी गुस्सेमे आकर बोली की क्यू बाबा के पीछे पागल हुए पड़े हो, मेरी बेटी की ज़िंदगी खराब कर आए! कहा से आएंगे 5 दिनमे 50,000रुपये, घरमे 500रुपये नही है, 50,000 कहा से होगा। `अब देखो उस आदमीने बाबा पर भरोसा करके क्या जवाब दिया,

वो आदमी बोला, अरे पागल जिसने 45 साल तक सांस दीया वो क्या 5 दिन मे 50,000 नही डे शकता? उसकी पत्नी बोली की देखती हु मे भी की वो कितनी तुम्हारी मदद करता है।

पहेला दिन – दुकान खोली, बाबाका नाम लिया उनका दिया जलाया। पूरा दिन निकाल गया 1500 ही हाथ मे आया। घर गया पत्नीने ताना मारा ‘ले आए 50,000’! चुपचाप खाना खाया ओर सो गया।

दूसरा दिन – फिर दुकान खोली, फिर बाबाका दिया जलाया बाबाको याद किया। पूरे दिनकी कमाई 2000रुपये। दो दिन की कमाई सिफ़ 3500रुपये। घर गया खाना खाया ओर सो गया।

तीसरा दिन – दुकान गया कोई पूछने भी नही आया। चौथा दिन हुआ कोई कमाई नही हुई।

पांचवा दिन – घर से पत्नी बोली अगर पैसे नही जोड़ आए तो घर नही आना, तुम्हारे बाबा की तस्वीर घरसे बाहर रख दूँगी अगर नही लेके आए तो। सुबह-सुबह दुकान खोली कोई नही आया दुपहर के 1 बज गए, ये आदमी बाबाकी तस्वीर के सामने बेठा है ओर बाबाको बोल रहा है की ‘आजा बाबा आजा बाबा’। पूरे बाजार का नियम- पूरा बाजार दुपहरमे बन होगा सब अपने अपने घर रोटी खाने जाएंगे, वेसे ही सब लोग अपने अपने घर खाने के लिए चले गए, लेकिन वो आदमी नही गया। `अब आप ही बताओ की जिसकी लाज – जिसकी इज्जत को आज कसोटी पे खड़े उतरने का समय हो उसे भूख केसे लगेगी!

ये आदमी बाबा के साथ पूरे बाजारमे अकेला अपनी दुकान मे बेठा है, पूरा बाजार खाली है। आदमी अपनी आखे बन करके ओर हाथ जोड़के बाबा से कहा ‘बाबा आज आजा नही तो फिर कभी मत आना, आज नही आया तो बाबा बाबा फिर कभी मत आना।’ ठीक 15 मिनिट के बाद एक सफ़ेद कपड़ेमे एक आदमी भागते हुए आया ओर बोला भाईसाहब, मेने अपनी बेटी का रिशता किया है मुजे 1,50,000रुपये की शादिया चाहिए, पूरा बाजार बन है सिफ़ 30 मिनिट मे ही मुजे शादिया लेके जानी है। मेरी मदद कर दीजिए मुजे दुकान से समान दे दीजिए।

“वो आदमी मनमे बोला की बाबा क्यू नही आते, हम को बुलाना नही आता।“ जेसेकी मेने पहले कहा की वो परीक्षा लेगा उसका हक है, लेकिन क्या हम परीक्षामे खड़े नही उतर शकते! हमे तो खुश होना चाहिए की बाबाने, भगवानने, अल्लाने हमको इस लायक समजा की वो हमारी परीक्षा ले शके।

देखो उसे सिफ़ 50,000 चाहिए थे लेकिन बाबा ने उसे 1,50,000 दे दिये, ओर उसकी बेटी का रिश्ता भी नही टूटा। `ये होती है मेरे દ્વારકાધીશ की लीला।

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Bhavin Panchal

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